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क्या हम गलत पूजन धूप हवन सामग्री का उपयोग कर प्रदुषण बढ़ा रहे हैं।

आज चारों ओर प्रदूषण है पंचतत्व में प्रदूषण ऐसा घुला मिला है कि एक की बात करो तो दूसरा तीसरा चौथा प्रदूषण आ जाता है रोज वायु में मिश्रित विभिन्न गैस से हम प्रभावित हो रहे हैं इन 22 प्रकार की हानिकारक गैसों का पता डब्ल्यूएचओ को चला है जो वायु में प्रदूषण फैला रही हैं शहर हाफ रहे हैं और बीमार हैं क्या हम गैस चेंबर में रहे हैं
70% लोगों को शुद्ध पानी पीने के लिए नहीं मिल रहा रसायन जल और भूमि पर ऐसा घुल मिल रहा है जिससे भूगर्भ जल चक्र प्रदूषित हो चुका है भोजन रसायन युक्त मिल रहा है
यह कैसी प्रगति है विज्ञान के चमत्कार हमारा जीवन सहज बनाते हैं पर प्रकृति चमत्कार धूप हवा पानी वनस्पति के बिना जीवनी संभव नहीं है जबकि हमारे संस्कृति का अर्थ जीवन की शुद्धि और उससे जुड़ी समृद्धि है इस प्रकार के वातावरण से मानसिक प्रदूषण बढ़ रहा है हमारे देश में 40% से अधिक लोग किसी न किसी रूप में आशीर्वाद से ग्रसित हैं पर्यावरण नष्ट होने से अनेकों बीमारियां हो रही हैं डब्ल्यूएचओ यह भी कहता है कि अन्य देशों की अपेक्षा हमारे देश में प्रदूषण के कारण मनुष्य की सांस लेने की क्षमता 40% से भी कम है
असली जीडीपी हवा पानी धूप मट्टी व पर्यावरण है
अनेक प्रकार के प्रदूषण से हम धीरे हैं रसायन प्रदूषण भोजन प्रदूषण जनसंख्या प्रदूषण मिट्टी का प्रदूषण ग्लोबल वार्मिंग क्लाइमेट चेंज इन सब के कारण मानसिक प्रदूषण डिप्रेशन स्ट्रेस नेगेटिव थॉट असुरक्षा की भावना सुसाइडल टेंडेंसी कार्य क्षमता प्रजनन क्षमता बौद्धिक विचार आध्यात्मिक अवनति डर भय घबराहट बेचैनी घबराहट मन भावना विचार नकारात्मकता अविश्वास विचारों का संक्रमण हर तरफ है
इन सब से बचने के लिए हम भगवान की शरण में जाते हैं पूजा पाठ करते हैं मेडिटेशन करते हैं इन सब को करने के लिए माध्यम के रूप में हम पूजा सामग्रियों का उपयोग भी करते हैं
धूपदीप भी करतै है।
वही पूजन सामग्री रसायनिक प्रदूषण युक्त है केमिकल युक्त है नकली है वह प्रदूषण को हटा नहीं रही है बल्कि प्रदूषित जहरीला वातावरण बना रही है
धूप यज्ञ हवन द्वारा हम प्रदूषण को हटाते हैं धूप यज्ञ हवन में उपयोगी वनस्पतियां जड़ी बूटियो का कार्य प्रदूषण मुक्त स्वस्थ वातावरण बनाना है जबकि हम गलत सामग्रियों का उपयोग कर प्रदूषण बढ़ा रहे हैं
विचार अवश्य कीजिए।

गलत पूजा धूप हवन सामग्री के परिणाम।

सवाल यह उठता है कि हम जो सामग्रियों का उपयोग कर रहे हैं वह हमें क्या परिणाम दे रहा है जिस कारण हम उसका उपयोग कर रहे हैं क्या वह परिणाम हमें मिल रहा है हम परिणाम चाहते हैं अच्छा स्वास्थ्य शुद्ध वातावरण मानसिक शांति संक्रमण से बचाव प्रतिरक्षण क्षमता का विकास मन की स्थिरता बुद्धि का विकास ऊर्जा उत्साह रोगों से मुक्ति ग्रह नक्षत्र देवी देवता की अनुकूलता बुरी चीजों से बचाव वातावरण सुगंध एवं सकारात्मक हो क्या हमें इनमें से कोई भी परिणाम प्राप्त हो रहा है नहीं ना विचार अवश्य करें ऐसा क्यों
क्योंकि हम धूप यज्ञ हवन सामग्री में गलत चीजों का उपयोग करते हैं दूसरा कारण है जब किसी भी जड़ी बूटी में से तेल निकाल लिया जाता है तब उसका जो वेस्ट मटेरियल बसता है उसे लोग धूप यज्ञ हवन सामग्री में उपयोग करते हैं तेल निकल जाने के बाद वनस्पति क्या वह परिणाम दे पाएगी इसी तरह आरा मशीन में लकड़ियां कटती हैं उसके बुरादे पर केमिकल स्प्रे कर लोग बाग हवन सामग्री आप बेचते हैं जड़ी बूटियों के गोडाउन का कचरा इकट्ठा कर उसी की सामग्री बना देते हैं ऐसी सामग्रियां क्या परिणाम देंगी जड़ी बूटियां जिनकी कीमत 1000 से ₹10000 प्रति किलो की है वह आप ₹200 किलो में कैसे ला सकते हैं यह भी तो विचारणीय प्रश्न है गलत सामग्रियों के उपयोग से अनेक संकट खड़े होते हैं आंखें चलती हैं दम घुटता है प्रदूषण फैलता है सांसों में संक्रमण होता है रोगकारी होती हैं बेचैनी घबराहट झुंझलाहट होती है मन बेचैन हो जाता है भगवान प्रसन्न नहीं होते परेशान होते हैं और हमें इन सब बातों से कुछ परिणाम प्राप्त नहीं होता जिस उद्देश्य से हम उसे उपयोग में ला रहे हैं वह उद्देश्य ही विफल हो जाता है हमें सिर्फ उल्टा परिणाम ही प्राप्त होता है नकारात्मक ऊर्जा के रूप में एलर्जी के रूप में डिस्कंफर्ट के रूप में परिणाम प्राप्त होता है ऐसी गलत सामग्री के कारण पूजा-पाठ कर्मकांड पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है इसी क्रम में मिलावटी घी जिसमें पैट्रोलियम जेली एवं पशु चर्बी होती है वह गलत परिणाम देती है गूगल औषधीय वनस्पतियां नहीं होकर गंदे बुरादे को जलाने पर ठिकाना सिर चकराना जैसी की बातें सामान्यतः दिखती हैं इसी तरह कपूर में मोम व केमिकल होता है खुशबू की प्राकृतिक जड़ी बूटियों की जगह हानिकारक केमिकल होता है वह भी गलत परिणाम हमें देता है इसी तरह हानिकारक धूपबत्ती अगरबत्ती में जले हुए ऑयल कोयला और बांस का उपयोग होता है जो वातावरण को कार्बन डाइऑक्साइड वह अन्य हानिकारक यह रोगकारी गैसों से भर देते हैं यह क्या हो रहा है हम इन सब बातों से उदासीन क्यों हो गए क्यों सब इतना गिर गया है धर्म के नाम पर कितनी मिलावट इतना पतन क्यों हुआ क्यों हम प्रकृति से दूर हो रहे हैं क्यों विकृति की ओर जा रहे हैं क्यों हमारा मानसिक आध्यात्मिक व्यवहारिक पतन हो रहा है क्यों हम आत्म केंद्रित और संकीर्ण हो रहे हैं। क्यों हम सिंबॉलिक पूजा करने लगे हैं जो उच्चता श्रेष्ठता हमें विरासत में प्राप्त हुई जो ऋषि वैज्ञानिक ज्ञान हमें पूर्वजों से मिला वह कहां छूट गया आइए मिलकर ढूंढे गलतियां कहां हो रही हैं हम गलत अशुद्ध सामग्रियों का उपयोग क्यों कर रहे हैं केमिकल कचरा सामग्री हमें अस्थिर कर रही है उल्टा परिणाम दे रही है जिस मंदिर ऊर्जा क्षेत्र में हम जाते हैं वहां यह कचरा हानिकारक सामग्री अगरबत्ती हमें बाहर चलानी पड़ती है पंडित जी हमें दुत्कार कर बाहर जलाने को कहते हैं क्योंकि वहां प्रदूषण फैलता है दम घुटता है प्रदूषित वातावरण हो जाता है वहां न खड़े रह सकते हैं ना बैठ सकते जल्दी से बाहर निकलने का मन होता है।धूप यज्ञ हवन की सामग्री में सही सामान जड़ी बूटियों का प्रयोग आवश्यक है कुछ भी जला देना हवन नहीं है धूप नहीं है क्योंकि जिस परिणाम को हम चाहते हैं वह कचरा सामग्री नकली तेल निकली हुई जड़ी बूटियों से संभव नहीं है आइए हम साइंटिफिकली बातों पर विचार करें।

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सामग्री जड़ी बूटियों के बारे में जिसका प्रभाव हमें दिखता और अनुभव होता है उन पर विचार अवश्य करें

अपने आपसे पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न
अवश्य पूछें अपने आप से

सवाल करें अपने आप से
यह आपके मानसिक शारीरिक स्वास्थ्य से संबंधित है यह धर्म से संबंधित है आपके जीवन जीने की पद्धति से संबंधित है भारतीय परंपरा पर्यावरण वातावरण प्रकृति पंचतत्व से संबंधित है आस्था विश्वास सनातन संस्कृति मान्यता परंपरा पूजा पाठ धूप दीप हवन रहन-सहन खान-पान वैदिक सभ्यता से संबंधित है

आप धूप दीप हवन क्यों करते हैं पूजा-पाठ ध्यान में यह क्यों आवश्यक है क्या यह एक सशक्त माध्यम है हम शाम को दिया बत्ती क्यों करते हैं धूप यज्ञ हवन आदि से हमें क्या अनुभूति होती है सही सामग्री का चुनाव क्यों महत्वपूर्ण है पूजा में मनभाव उद्देश्य एकाग्रता समय शांति का अभाव क्यों है हमारा धर्म क्या है धूप हवन सामग्री में क्या होना चाहिए क्यों होना चाहिए इसका उद्देश्य क्या है यह कहां और कैसे काम करता है इसका असर सभी प्राणियों पर कैसे पड़ता है क्या वातावरण पर्यावरण बदलते मौसम संधि काल से संबंधित है हमारी वैदिक ऋषि वैज्ञानिक परंपरा वर्षो से क्यों चली आ रही है इसका उद्देश्य क्या था क्या आप संकेतिक पूजा करते हैं
ऋषि वैज्ञानिकता ने इसे धर्म से क्यों जोड़ा क्यों आज तक यह सब हो रहा है विभिन्न जड़ी बूटियों को अध्यात्म पूजा पाठ ज्योतिष आयुर्वेद देवी देवता ग्रह नक्षत्र तंत्र मंत्र दुर्घटना जादू टोना भय व्याधि रोग रक्षा बुद्धि विकास मानसिक शारीरिक क्षमता रक्षण प्रतिरक्षण शक्ति संपन्नता उन्नति संपन्नता ओजस्विता तेजस्विता ब्रह्म तेज सप्त चक्र प्राण ऊर्जा शुभ लाभ से क्यों जोड़ा गया
क्या यह जड़ी बूटियां वनस्पतियां सर्व कल्याणकारी है।
इसमें हर्बलीजम फाइटोथेरेपी ऐथनों फार्माकोलॉजी वायरोलॉजी न्यूरो रिलैक्सेशन अरोमाथेरेपी है।
यह प्राकृतिक हल प्रकृति के माध्यम से प्राकृतिक पोषक तत्वों द्वारा क्यों आवश्यक है
विचार अवश्य कीजिए
आओ जाने इसे खोजें इसे और जानकर सही सामग्री चुने सनातन भारतीय वैदिक वैज्ञानिक परंपरा को जीवित रखे और
मिले अपने आप से अपनी आंतरिक क्षमताओं का विकास करें और पाएं नित्यानंद दिव्य आनंद सर्वानंद परमानंद।

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Object of Pooja path and importance of medium (samagri)

पूजा-सामग्री धूप दीप हवन आरती का वैज्ञानिक महत्व, जानिए
हिंदू सनातन धर्म क्या है उत्तर यह जीवन जीने की पद्धति इसका पहला उद्देश्य स्वास्थ्य का संरक्षण है
पूजा-पाठ ध्यान का मतलब है स्वयं से स्वयं का मिलना अपनी अंतरात्मा से साक्षात्कार करना इसीलिए पूजा के पंचोपचार दस उपचार
सोलह उपचार द्वारा मन
की एकाग्रता पाना है सामग्री से तात्पर्य वह आपको आपके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाए जिससे शरीर की शुद्धि के साथ विचारों की भी शुद्धि हो
वातावरण में कीटाणुओं का नाश करना शरीर की संभावित कमी को पूरा करना प्रभाव क्षेत्र सुगम श्रेष्ठ शुद्ध उर्जायुक्त बनाना रंगों का संतुलन रोग उपचार मानसोपचार एक्यूप्रेशर चिकित्सा नेचुरल पंचभूत शुद्धि
सुगंध चिकित्सा जैसे अनेक प्रकार की अल्टरनेटिव मेडिसिन का उपयोग वैज्ञानिक रूप में किया जाता है यह एनवायरमेंट क्लीनिक ईश्वर से कनेक्ट करने वाला अपने आप से अपने आप को जोड़ने वाला सशक्त माध्यम है सभी प्रकार की जड़ी बूटी अनेक गुणों से युक्त होती हैं मौसम परिवर्तन के कारण होने वाले संक्रमण से बचाव के लिए भी सामग्री का महत्व है जो पंचतत्व में हुई गड़बड़ी को संतुलित करती हैं
ईश्वर को प्रकृतिक सामग्रियों से शुद्ध श्रेष्ठ समर्पण भले ही समर्पण सूक्ष्म हो लेकिन शुद्ध व साफ हो क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य सरक्षण से जुड़ा हुआ है यह कंपैनियन मटेरियल्स वातावरण से प्रदूषण हटाकर जर्मस हटाकर
डीटॉक्सिफाई डिसइनफेक्ट कर सेनीटाइज करता है
‘…गन्धाक्षतम्, पुष्पाणि, धूपम्, दीपम्, नैवेद्यम् समर्पयामि।’

व्यक्ति की जिसमें जैसी श्रद्धा है, वह वैसा करता है।
शास्त्रों में उपयोग किए गए शब्दों पर ध्यान अवश्य दें उनका अर्थ समझे जैसे ऊपर उपचार का प्रयोग किया गया था इसी तरह
आरती को ‘आरात्रिक’ अथवा ‘नीराजन’ क्यों कहते हैं विचार कीजिए
एक उदाहरण पर ध्यान दें शंख-ध्वनि और घंटे-घड़ियाल पूजा के प्रधान अंग हैं। किसी देवता की पूजा शंख और घड़ियाल बजाए बिना नहीं होती। सन् 1928 में बर्लिन यूनिवर्सिटी ने शंख ध्वनि का अनुसंधान करके यह सिद्ध किया था कि शंख ध्वनि की शब्द लहरें बैक्टीरिया नामक संक्रामक रोग कीटों को मारने में उत्तम और सस्ती औषधि है। प्रति सेकंड 27 घनफुट वायु शक्ति के जोर से बजाया हुआ शंख 1200 फुट दूरी तक के बैक्टीरिया जंतुओं को मार डालता है और 2600 फुट तक के जंतु इस ध्वनि के कारण मूर्छित हो जाते हैं। बैक्टीरिया के अतिरिक्त हैजा, गर्दनतोड़ बुखार, पेट के कीड़े भी कुछ दूरी तक मरते हैं। ध्वनि विस्तारक स्थान के आस-पास का स्थान तो निःसंदेह निर्जंतु हो जाता है। मृगी, मूर्च्छा, कंठमाया और कोढ़ के रोगियों के अंदर शंख ध्वनि की जो प्रतिक्रिया होती है वह रोगनाशक कही जा सकती है।
इसलिए भारतीय पूजा का महत्व है इसी लिए सामग्री का काफी महत्व है जिस के संपर्क में रहने से आप निरोगी रहते हैं कचरा सामग्री केमिकल युक्त सामग्री के उपयोग से आप बीमार पड़ते हैं भगवान भी अप्रसन्न होते हैं मन उच्चाटन होता है
पूजा का उद्देश्य विफल होता है इसलिए सही शुद्ध असली सामग्रियों का ही उपयोग करें स्वस्थ रहें प्रसन्न रहें पूजा-पाठ को सार्थक करें आरोग्य शक्ति संपन्नता सकारात्मकता सफलता पाएं टेंशन रिमूव करें यह सनातन टीकाकरण है जिससे माइंड बॉडी सोल का शुद्धिकरण होता है कंसंट्रेशन आता है यह होलिस्टिक मेडिसिन है

हाइड्रोसोल जल क्या होते है, क्यूँ है पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा में इनका महत्त्व 

पूरक और वैकल्पिक औषधीय दवा प्राकृतिक पौधों की एक विस्तृत विविधता और रूप देती है, जो मानव विकृति के पीछे के कई रहस्यों को मुक्त करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (जो) के रिकॉर्ड के अनुसार, विकासशील देशों में अस्सी प्रतिशत आबादी स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिए पारंपरिक जड़ी-बूटियों पर निर्भर है। हर्बल उत्पाद जिनमें प्राकृतिक पौधों के अर्क (चरक संहिता और सुश्रुत संहिता या अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में वर्णित आयुर्वेद में उपयोग किए जाते हैं), पौधे से प्राप्त यौगिक (इसके अलावा फाइटोकॉन्स्टिट्यूएंट्स के रूप में संदर्भित), सटीक पौधों के हिस्सों (जड़, तना, छाल) के अर्क शामिल हैं। पौधे का जीवन, अंतिम परिणाम, और बीज), आहार पूरक आहार और न्यूट्रास्यूटिकल्स आम से लेकर असामान्य संक्रामक और गैर-संक्रामक बीमारियों के इलाज में व्यापक अनुप्रयोग का पता लगाते हैं।

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हाइड्रोसोल, जिसे “फूलों के पानी” के रूप में भी जाना जाता है, ताजी पत्तियों, फलों, फूलों और अन्य पौधों की सामग्री के आसवन द्वारा निर्मित होते हैं। आवश्यक तेलों के समान गुणों के साथ, ये सुगंधित पानी बहुत कम केंद्रित होते हैं। उनके आवश्यक तेल समकक्ष की तुलना में उनकी सुगंध अक्सर नरम और सूक्ष्म होती है। इन सुगंधित उत्पादों में आमतौर पर उनके आवश्यक तेल के समान गंध होती है, लेकिन इसमें एक हरा नोट भी हो सकता है। यह पौधों की सामग्री में पानी में घुलनशील घटकों से आता है जो आवश्यक तेल में मौजूद नहीं होते हैं।

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हिन्दू पूजन सामग्री का महत्त्व 

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, किसी भी अनुष्ठान, त्योहार और किसी भी अन्य धार्मिक समारोह में पूजा सामग्री / पूजा सामग्री की एक विशिष्ट सूची की आवश्यकता होती है। विभिन्न प्रकार के देवी-देवताओं के लिए, विभिन्न प्रकार की पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है, नियमित दैनिक पारंपरिक अनुष्ठानों के अलावा, दिवाली, दशहरा, बैसाखी, राखी, जन्मदिन, शादी समारोह आदि जैसे विशेष अवसरों पर बहुत विस्तृत पूजा की जाती है। इन दिनों को शुभ माना जाता है और हमें हमारे अद्भुत जीवन प्रदान करने के लिए हम भगवान को धन्यवाद देते हैं। इन पूजाओं और प्रार्थनाओं को करने के लिए, कई सामग्रियों की आवश्यकता होती है लेकिन शुद्ध और प्राकृतिक पवित्र, शुद्ध, प्राकृतिक पूजा सामग्री आजकल दुर्लभ है।

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एसेंशियल ऑयल क्या है और क्या है इनका महत्त्व ?

एसेंशियल ऑयल  केंद्रित पौधे के अर्क होते हैं जो प्राकृतिक गंध और स्वाद, या उनके स्रोत के “सार” को बनाए रखते हैं। आवश्यक तेल पौधों से निकाले गए यौगिक होते हैं। तेल पौधे की गंध और स्वाद, या “सार” को पकड़ लेते हैं। अद्वितीय सुगंधित यौगिक प्रत्येक आवश्यक तेल को उसका विशिष्ट सार देते हैं। एसेंशियल ऑयल आसवन (भाप और/या पानी के माध्यम से) या यांत्रिक विधियों, जैसे कोल्ड प्रेसिंग के माध्यम से प्राप्त किए जाते हैं। एक बार सुगंधित रसायनों को निकालने के बाद, उन्हें एक वाहक तेल के साथ मिलाकर एक उत्पाद बनाया जाता है जो उपयोग के लिए तैयार होता है। आवश्यक तेलों से सुगंध को अंदर लेना आपके लिम्बिक सिस्टम के क्षेत्रों को उत्तेजित कर सकता है, जो आपके मस्तिष्क का एक हिस्सा है जो भावनाओं, व्यवहारों, गंध की भावना और दीर्घकालिक स्मृति में भूमिका निभाता है।

सेंशियल ऑयल के स्वास्थ्य लाभ

कुछ सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए आवश्यक तेलों और अरोमाथेरेपी का उपयोग किया गया है।

तनाव और चिंता

यह अनुमान लगाया गया है कि तनाव और चिंता से ग्रस्त 43% लोग अपने लक्षणों को दूर करने में मदद के लिए वैकल्पिक चिकित्सा के किसी न किसी रूप का उपयोग करते हैं।

अरोमाथेरेपी के संबंध में, प्रारंभिक अध्ययन काफी सकारात्मक रहे हैं। कुछ आवश्यक तेलों की गंध चिंता और तनाव के इलाज के लिए पारंपरिक चिकित्सा के साथ काम कर सकती है। दिलचस्प बात यह है कि मालिश के दौरान आवश्यक तेलों का उपयोग तनाव को दूर करने में मदद कर सकता है।

सिरदर्द और माइग्रेन

90 के दशक में, दो छोटे अध्ययनों में पाया गया कि प्रतिभागियों के माथे और मंदिरों पर एक पेपरमिंट ऑयल और इथेनॉल के मिश्रण को लगाने से सिरदर्द के दर्द से राहत मिली।

नींद और अनिद्रा

यह दिखाया गया है कि लैवेंडर के तेल को सूंघने से प्रसव के बाद महिलाओं की नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है, साथ ही हृदय रोग के रोगी भी। अधिकांश अध्ययनों से पता चला है कि तेलों को सूंघना – ज्यादातर लैवेंडर का तेल – नींद की आदतों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

सूजन को कम करना

यह सुझाव दिया गया है कि आवश्यक तेल भड़काऊ स्थितियों से लड़ने में मदद कर सकते हैं। कुछ टेस्ट-ट्यूब अध्ययनों से पता चलता है कि उनके विरोधी भड़काऊ प्रभाव हैं।

एंटीबायोटिक और रोगाणुरोधी

एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया के उदय ने अन्य यौगिकों की खोज में रुचि को नवीनीकृत किया है जो जीवाणु संक्रमण से लड़ सकते हैं।

अन्य उपयोग

अरोमाथेरेपी के बाहर आवश्यक तेलों के कई उपयोग हैं। बहुत से लोग उनका उपयोग अपने घरों को सुगंधित करने या कपड़े धोने जैसी चीजों को तरोताजा करने के लिए करते हैं। उनका उपयोग घर के बने सौंदर्य प्रसाधनों और उच्च गुणवत्ता वाले प्राकृतिक उत्पादों में प्राकृतिक सुगंध के रूप में भी किया जाता है।

एसेंशियल ऑयल के लिए अरोमाथेरेपी एकमात्र उपयोग नहीं है। उनका उपयोग घर के अंदर और आसपास, प्राकृतिक मच्छर विकर्षक के रूप में, या औद्योगिक रूप से सौंदर्य प्रसाधन बनाने के लिए किया जा सकता है।

गौरीश प्रोडक्ट

वेदो के प्राण ऊर्जा विज्ञानं पर वैज्ञानिको को अपनी और आकर्षित किया है ।
धुप यज्ञ हवं अग्निहोत्र की गैसों मई रोगाणुओं को निष्क्रिय करने की अदभुत क्षमता है ।
वायु, जल, ध्वनि, भूमि, सूर्य किरणों तथा अणु विकिरण के प्रदूषण को रोकने व् उसके दुष्प्रभावों से पीड़ित को स्वस्थ करने मे यह तकनीक जो मनुष्य के रोग के करने को उसके शरीर, मन, आत्मा और पर्यावरण से एक साथ समाप्त करके उसे इन सभी स्तरों पर स्वस्थ प्रदान करे।
वर्तमान प्रदूषित वातावरण मे अपने व् अपने परिवार का शारीरिक, मानसिक व् आध्यात्मिक स्वास्थ बनाये रखने का यह अनोखा साधन है ।

पञ्च महामुत पञ्च कमेन्द्रिया, पञ्च  प्राण, पञ्च ज्ञानंदिया, तथा मन, बुद्धि, अहंकार और चित्त का तारतम्य गौरीश धुप यज्ञ हवन सामग्री द्वारा प्राप्त करे। यह अनुभव प्रेम से परिपूरित अनंत आनद उल्लास तथा जीवन शक्ति से भरी जीवन दृष्टि विकसित करता है।

आज अमर्यादित उपभोग की प्रवत्ति ही वर्तमान मे मनुष्यता की सबसे बड़ी समस्या है। अमर्यादित, असभ्य, असयमित, हिंसा, द्वेष, घृणा, लोभ, कपट, से भरी उपयोग दृष्टि से वृक्ष, वन, जीवजंतु, नदी, झील, जलाशय, मिटटी, पर्वत, हवा, आकाश सबके प्रति उपभोगवाद से जनित भौतिक विकास का पागलपन हमारे जीवन मे उतर गया है ।

इस प्रदूषित मन प्रदूषित वातावरण को गौरीश धुप यज्ञ हवन सामग्री द्वारा शुद्ध करे । (remove toxic effect)