गलत पूजा धूप हवन सामग्री के परिणाम।

सवाल यह उठता है कि हम जो सामग्रियों का उपयोग कर रहे हैं वह हमें क्या परिणाम दे रहा है जिस कारण हम उसका उपयोग कर रहे हैं क्या वह परिणाम हमें मिल रहा है हम परिणाम चाहते हैं अच्छा स्वास्थ्य शुद्ध वातावरण मानसिक शांति संक्रमण से बचाव प्रतिरक्षण क्षमता का विकास मन की स्थिरता बुद्धि का विकास ऊर्जा उत्साह रोगों से मुक्ति ग्रह नक्षत्र देवी देवता की अनुकूलता बुरी चीजों से बचाव वातावरण सुगंध एवं सकारात्मक हो क्या हमें इनमें से कोई भी परिणाम प्राप्त हो रहा है नहीं ना विचार अवश्य करें ऐसा क्यों
क्योंकि हम धूप यज्ञ हवन सामग्री में गलत चीजों का उपयोग करते हैं दूसरा कारण है जब किसी भी जड़ी बूटी में से तेल निकाल लिया जाता है तब उसका जो वेस्ट मटेरियल बसता है उसे लोग धूप यज्ञ हवन सामग्री में उपयोग करते हैं तेल निकल जाने के बाद वनस्पति क्या वह परिणाम दे पाएगी इसी तरह आरा मशीन में लकड़ियां कटती हैं उसके बुरादे पर केमिकल स्प्रे कर लोग बाग हवन सामग्री आप बेचते हैं जड़ी बूटियों के गोडाउन का कचरा इकट्ठा कर उसी की सामग्री बना देते हैं ऐसी सामग्रियां क्या परिणाम देंगी जड़ी बूटियां जिनकी कीमत 1000 से ₹10000 प्रति किलो की है वह आप ₹200 किलो में कैसे ला सकते हैं यह भी तो विचारणीय प्रश्न है गलत सामग्रियों के उपयोग से अनेक संकट खड़े होते हैं आंखें चलती हैं दम घुटता है प्रदूषण फैलता है सांसों में संक्रमण होता है रोगकारी होती हैं बेचैनी घबराहट झुंझलाहट होती है मन बेचैन हो जाता है भगवान प्रसन्न नहीं होते परेशान होते हैं और हमें इन सब बातों से कुछ परिणाम प्राप्त नहीं होता जिस उद्देश्य से हम उसे उपयोग में ला रहे हैं वह उद्देश्य ही विफल हो जाता है हमें सिर्फ उल्टा परिणाम ही प्राप्त होता है नकारात्मक ऊर्जा के रूप में एलर्जी के रूप में डिस्कंफर्ट के रूप में परिणाम प्राप्त होता है ऐसी गलत सामग्री के कारण पूजा-पाठ कर्मकांड पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है इसी क्रम में मिलावटी घी जिसमें पैट्रोलियम जेली एवं पशु चर्बी होती है वह गलत परिणाम देती है गूगल औषधीय वनस्पतियां नहीं होकर गंदे बुरादे को जलाने पर ठिकाना सिर चकराना जैसी की बातें सामान्यतः दिखती हैं इसी तरह कपूर में मोम व केमिकल होता है खुशबू की प्राकृतिक जड़ी बूटियों की जगह हानिकारक केमिकल होता है वह भी गलत परिणाम हमें देता है इसी तरह हानिकारक धूपबत्ती अगरबत्ती में जले हुए ऑयल कोयला और बांस का उपयोग होता है जो वातावरण को कार्बन डाइऑक्साइड वह अन्य हानिकारक यह रोगकारी गैसों से भर देते हैं यह क्या हो रहा है हम इन सब बातों से उदासीन क्यों हो गए क्यों सब इतना गिर गया है धर्म के नाम पर कितनी मिलावट इतना पतन क्यों हुआ क्यों हम प्रकृति से दूर हो रहे हैं क्यों विकृति की ओर जा रहे हैं क्यों हमारा मानसिक आध्यात्मिक व्यवहारिक पतन हो रहा है क्यों हम आत्म केंद्रित और संकीर्ण हो रहे हैं। क्यों हम सिंबॉलिक पूजा करने लगे हैं जो उच्चता श्रेष्ठता हमें विरासत में प्राप्त हुई जो ऋषि वैज्ञानिक ज्ञान हमें पूर्वजों से मिला वह कहां छूट गया आइए मिलकर ढूंढे गलतियां कहां हो रही हैं हम गलत अशुद्ध सामग्रियों का उपयोग क्यों कर रहे हैं केमिकल कचरा सामग्री हमें अस्थिर कर रही है उल्टा परिणाम दे रही है जिस मंदिर ऊर्जा क्षेत्र में हम जाते हैं वहां यह कचरा हानिकारक सामग्री अगरबत्ती हमें बाहर चलानी पड़ती है पंडित जी हमें दुत्कार कर बाहर जलाने को कहते हैं क्योंकि वहां प्रदूषण फैलता है दम घुटता है प्रदूषित वातावरण हो जाता है वहां न खड़े रह सकते हैं ना बैठ सकते जल्दी से बाहर निकलने का मन होता है।धूप यज्ञ हवन की सामग्री में सही सामान जड़ी बूटियों का प्रयोग आवश्यक है कुछ भी जला देना हवन नहीं है धूप नहीं है क्योंकि जिस परिणाम को हम चाहते हैं वह कचरा सामग्री नकली तेल निकली हुई जड़ी बूटियों से संभव नहीं है आइए हम साइंटिफिकली बातों पर विचार करें।