क्या हम गलत पूजन धूप हवन सामग्री का उपयोग कर प्रदुषण बढ़ा रहे हैं।

आज चारों ओर प्रदूषण है पंचतत्व में प्रदूषण ऐसा घुला मिला है कि एक की बात करो तो दूसरा तीसरा चौथा प्रदूषण आ जाता है रोज वायु में मिश्रित विभिन्न गैस से हम प्रभावित हो रहे हैं इन 22 प्रकार की हानिकारक गैसों का पता डब्ल्यूएचओ को चला है जो वायु में प्रदूषण फैला रही हैं शहर हाफ रहे हैं और बीमार हैं क्या हम गैस चेंबर में रहे हैं
70% लोगों को शुद्ध पानी पीने के लिए नहीं मिल रहा रसायन जल और भूमि पर ऐसा घुल मिल रहा है जिससे भूगर्भ जल चक्र प्रदूषित हो चुका है भोजन रसायन युक्त मिल रहा है
यह कैसी प्रगति है विज्ञान के चमत्कार हमारा जीवन सहज बनाते हैं पर प्रकृति चमत्कार धूप हवा पानी वनस्पति के बिना जीवनी संभव नहीं है जबकि हमारे संस्कृति का अर्थ जीवन की शुद्धि और उससे जुड़ी समृद्धि है इस प्रकार के वातावरण से मानसिक प्रदूषण बढ़ रहा है हमारे देश में 40% से अधिक लोग किसी न किसी रूप में आशीर्वाद से ग्रसित हैं पर्यावरण नष्ट होने से अनेकों बीमारियां हो रही हैं डब्ल्यूएचओ यह भी कहता है कि अन्य देशों की अपेक्षा हमारे देश में प्रदूषण के कारण मनुष्य की सांस लेने की क्षमता 40% से भी कम है
असली जीडीपी हवा पानी धूप मट्टी व पर्यावरण है
अनेक प्रकार के प्रदूषण से हम धीरे हैं रसायन प्रदूषण भोजन प्रदूषण जनसंख्या प्रदूषण मिट्टी का प्रदूषण ग्लोबल वार्मिंग क्लाइमेट चेंज इन सब के कारण मानसिक प्रदूषण डिप्रेशन स्ट्रेस नेगेटिव थॉट असुरक्षा की भावना सुसाइडल टेंडेंसी कार्य क्षमता प्रजनन क्षमता बौद्धिक विचार आध्यात्मिक अवनति डर भय घबराहट बेचैनी घबराहट मन भावना विचार नकारात्मकता अविश्वास विचारों का संक्रमण हर तरफ है
इन सब से बचने के लिए हम भगवान की शरण में जाते हैं पूजा पाठ करते हैं मेडिटेशन करते हैं इन सब को करने के लिए माध्यम के रूप में हम पूजा सामग्रियों का उपयोग भी करते हैं
धूपदीप भी करतै है।
वही पूजन सामग्री रसायनिक प्रदूषण युक्त है केमिकल युक्त है नकली है वह प्रदूषण को हटा नहीं रही है बल्कि प्रदूषित जहरीला वातावरण बना रही है
धूप यज्ञ हवन द्वारा हम प्रदूषण को हटाते हैं धूप यज्ञ हवन में उपयोगी वनस्पतियां जड़ी बूटियो का कार्य प्रदूषण मुक्त स्वस्थ वातावरण बनाना है जबकि हम गलत सामग्रियों का उपयोग कर प्रदूषण बढ़ा रहे हैं
विचार अवश्य कीजिए।